11 August 2009

तमन्ना

हमें बहुत खुशी हो रही है की आज हम हमारे ख़त को पुरा करने जा रहे है।
हमें इतनी खुशी कभी नही हुई जितनी आज हो रही है।
लग रहा है की मेरी जो तमन्ना थी वोह आज पुरी हो गई है।
हमें आज पुरी तरह से ब्लॉग पर काम करना आ गया है।
और यह सब मेरे प्यारे से दोस्त की वजह से हुआ है अगर वोह नही मिलता तो शायद हमें कुछ भी नही आता।
उसी ने हमको जीना सिखाया है ।
उसका एहसान हम ज़िन्दगी भर नही भूल सकते है ।
हम दोनों में कितनी भी लड़ाई हो जाए लेकिन अगर कोई हमसे कहे की तुम अपने दोस्त को भूल जाओ तो मेरा जवाब यही होगा की हम पुरी दुनिया को भूल सकते है मगर उसको कभी नही भूल सकते है ।
और भी उसने बहुत कुछ सिखाया है ।
वोह मेरा अच्छा और प्यारा दोस्त "मोहम्मद शाहिद मंसूरी है "
rozy

28 March 2009

ज़िन्दगी हमें वक्त के साथ सब कुछ सिखा देती है।

रोजी

15 February 2009

आगाज़

हमरे खतों का आगाज़